Day: May 13, 2024

राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी गुणवत्ता मूल्यांकन डॉ बी के मिश्रा ने जिले के विभिन्न अस्पतालों का किया निरक्षण

राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी गुणवत्ता मूल्यांकन डॉ बी के मिश्रा ने जिले के विभिन्न अस्पतालों का किया निरक्षण

पूर्णिया I राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार के गुणवत्ता एवं मूल्यांकन राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ बी के मिश्रा द्वारा मंगलवार को पूर्णिया जिले के विभिन्न अस्पतालों

Read More »

भारत की शीर्ष 10 पेंट कंपनियां

कुछ के दुनिया के सर्वश्रेष्ठ पेंट निर्माता भारत में स्थित हैं, जहाँ बढ़ती डिस्पोजेबल आय और शहरीकरण के परिणामस्वरूप मांग तेज़ी से बढ़ रही है।

Read More »

भारत में छोटे व्यवसायों के लिए 15 सर्वश्रेष्ठ CRM सॉफ़्टवेयर

ज़ोहो सीआरएम एक व्यापक ग्राहक संबंध प्रबंधन मंच है जिसे हर आकार के व्यवसायों के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह बिक्री, विपणन और ग्राहक

Read More »

2024 के लिए भारत में शीर्ष 10 कूरियर कंपनियां (सबसे सस्ती और सबसे तेज़)

यदि आप भारत में व्यवसाय के मालिक या ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले हैं, तो कूरियर सेवाएँ सिर्फ़ आपके लिए हैं! कूरियर कंपनियाँ आधुनिक व्यवसाय जगत

Read More »

2024 में रियल एस्टेट के लिए आजमाने लायक 5 सर्वश्रेष्ठ AI टूल

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या एआई के कारण रियल एस्टेट उद्योग में नई तकनीकों और रुझानों का आना संभव हो गया है। ये रियल एस्टेट अनुभव को

Read More »

कहानी : मुक्ति

‘खुशियां आयी घर-आंगन में जब तूने मुझसे जनम लिया निष्ठुर दुनिया के कारण ही हाय, मैंने तुझको मुक्त किया’ बैरक में आयी नयी बंदी कमला, रुंधे गले से इस गीत को बार-बार दुहराती और फिर उसकी चित्कार से पूरा कारागार

Read More »

लघु कथा: बलि

पता नहीं क्यों सब गड्ढमड्ढ सा हुआ जा रहा है। ‌वह एक राजनीतिक समारोह की कवरेज करने आया हुआ है। रोज़ का काम जो ठहरा पत्रकार का! रोज़ कुआं खोदो, रोज़ पानी पियो! रोज़‌‌ नयी खबर की तलाश। फिर भी

Read More »

कहानी : मुक्ति

‘खुशियां आयी घर-आंगन में जब तूने मुझसे जनम लिया निष्ठुर दुनिया के कारण ही हाय, मैंने तुझको मुक्त किया’ बैरक में आयी नयी बंदी कमला, रुंधे गले से इस गीत को बार-बार दुहराती और फिर उसकी चित्कार से पूरा कारागार

Read More »

लघु कथा: बलि

पता नहीं क्यों सब गड्ढमड्ढ सा हुआ जा रहा है। ‌वह एक राजनीतिक समारोह की कवरेज करने आया हुआ है। रोज़ का काम जो ठहरा पत्रकार का! रोज़ कुआं खोदो, रोज़ पानी पियो! रोज़‌‌ नयी खबर की तलाश। फिर भी

Read More »

READ MORE

कहानी : मुक्ति

‘खुशियां आयी घर-आंगन में जब तूने मुझसे जनम लिया निष्ठुर दुनिया के कारण ही हाय, मैंने तुझको मुक्त किया’ बैरक में आयी नयी बंदी कमला,

Read More »

लघु कथा: बलि

पता नहीं क्यों सब गड्ढमड्ढ सा हुआ जा रहा है। ‌वह एक राजनीतिक समारोह की कवरेज करने आया हुआ है। रोज़ का काम जो ठहरा

Read More »